Tuesday 19 July 2016

थोड़ा दौड़ने पर ही फूल जाती हैं सांसें

एकदम से तेज भागना शुरू करना या फिर दौड़ने से पहले खुद को वार्मअप न करना इन दो के अलावा सांस फूलने का सबसे आम कारण है दौड़ते समय सही सांस न लेना। नए धावकों के अलावा कई अनुभवी धावक भी दौड़ते समय सही सांस लेने के महत्व को नहीं समझते।

यदि आप एक लंबी छलांग (स्ट्राइड) लगाने में एक से अधिक सांस लेते हैं तो मैराथन में दौड़ने की तो छोड़िए, आप एक किलोमीटर भी नहीं दौड़ नहीं पाएंगे। एक बार इसको अपना कर देखें।

यदि आप जल्दी-जल्दी कम गहरी सांसें लेते हैं तो इसका मतलब है कि आप न सही से ऑक्सीजन ले रहे हैं और न कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ रहे हैं। इस तरह आप केवल फेफड़ों के ऊपरी हिस्से का इस्तेमाल कर रहे हैं। फेफड़े के इस ऊपरी हिस्से में ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड के आदान-प्रदान के लिए कम मात्र होती है। पर जब आप नियंत्रित और गहरी सांसें लेते है, ऐसे में सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया सहज होती है।

15वीं शताब्दी में स्वामी स्वत्मार्म ने हठ योग पर हठ योग प्रदीपिका नाम एक अच्छी किताब लिखी है। उन्होंने कहा है, जब हम छोटी सांसें लेते हैं तो हमारा दिमाग भी अस्थिर होता है। पर जब हम गहरी सांसें लेते हैं तो हमारा मस्तिष्क भी शांत होता है और व्यक्ति को लंबी आयु मिलती है। इसलिए किसी व्यक्ति को सबसे पहला प्रयास सांसों को नियंत्रित करने का करना चाहिए। यह बात धावकों पर भी लागू होती है।

आपको गहरी लंबी सांसें लेनी चाहिए, पर साथ ही यह भी समझों कि जितना बेहतर तरीके से सांस लेते हैं, उतना बेहतर सांसें छोड़ना भी आना चाहिए। यदि आप सांसें छोड़ते समय फेफड़े खाली नहीं करेंगे तो उसमें हवा अंदर लेने के लिए जगह कैसे बनाएंगे? सांसें किस निश्चित आधार पर ली जाएं, इस संदर्भ में मैं कोई सलाह नहीं देता, बशर्ते आप एक छलांग में एक से अधिक सांस न लेते हों। सहज होकर सांस लें।

गति के साथ जिस दूसरी चीज पर ध्यान लगाने की जरूरत होती हैं वह है आपकी सांसें। गहरी लंबी सांसें लें और गहरे लंबे श्वास छोड़ें। इससे आपकी मांसपेशियों को आराम मिलेगा। सामान्य गति में दौड़ते हुए आप बात कर सकेंगे। जैसे-जैसे गति तेज होती है, अपकी सांस लेने की प्रक्रिया भी प्रभावी ढंग से तेज हो जाएगी। गहरे सांस लेने के अभ्यास से आप न सिर्फ  सांस उखड़े बिना लंबा दौड़ पाएंगे, बल्कि तेज और प्रभावी ढंग से दौड़ सकेंगे।

कुछ जरूरी सलाह व निर्देशों को अपना कर आप खुद को प्रभावी धावक बना सकते हैं। दौड़ लगाने से पहले के पांच मिनट चलते हुए आप केवल अपनी सांसों पर ध्यान लगाएं। मेरी सलाह होगी कि आप गहरी लंबी सांस लें, उसे एक या दो सेकेंड के लिए रोक कर रखें और फिर सांस बाहर छोड़ें। यह अभ्यास करने से आप समझ जाएंगे कि कहां सही महसूस कर रहे हैं।

सांसों को नियंत्रित करने का अभ्यास करने के लिए यदि किसी एक व्यायाम को चुनना हो तो मैं प्राणायाम कहूंगा। कपालभाती प्राणायाम आपके लिए अच्छा आसन रहेगा। इससे आप एक सामान्य-सी बात सीखते हैं कि आप सांस के जरिए उतनी ही हवा अंदर ले जा सकेंगे, जितना आपके फेफड़ों में हवा के लिए स्थान होगा। ऐसे में अधिकतम हवा अंदर ले जाने के लिए आपको सांस द्वारा हवा अच्छी तरह बाहर निकालनी होगी। सांस लेने की सही प्रक्रिया आपकी मांसपेशियों को आराम पहुंचाती है। पॉस्चर को सही रखते हुए दौड़ना भी सही सांस लेने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।

लंबी दौड़ में यदि आपने अपने शरीर को अकड़ा रखा है तो आपको जल्दी ही अपने पीठ के ऊपरी और निचले हिस्से के अलावा कंधों में दर्द होना शुरू हो जाएगा। थकावट और दर्द अनुभव होगा। इन्हीं हिस्सों में अधिक तनाव होने से आप कम गहरी और तेज-तेज सांसें लेते हैं और तेज दौड़ नहीं पाते।

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